गौघृत मानव शरीर के लिए यज्ञ कैसे?

गौघृत मानव शरीर के लिए यज्ञ कैसे?

गौघृत मानव शरीर के लिए यज्ञ कैसे?

गौधृत मानव से लेकर संपूर्ण पर्यावरण के लिए इतना लाभकारी और उपयोगी है की आप इसकी महत्ता जानकार हैरान हो जाएंगे…आजकल घी के नाम पर ना जाने हम क्या प्रयोग कर रहे हैं जिसका दुष्प्रभाव हमारे जीवन से लेकर प्रकृति को भुगतने पड़ रहे हैं…

गौघृत में मनुष्य शरीर में पहुँचे रोडियोधर्मी विकिरण का दुष्प्रभाव नष्ट करने की असीम क्षमता हैं। अग्नि में गाय का घी कि आहुति देने से उसका धुआँ जहाँ तक फैलता हैं, वहाँ तक का सारा वातावरण प्रदूषण आण्विक विकरणों से मुक्त हो जाता हैं। सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह हैं कि एक चम्मच गौघृत को अग्नि में डालने से एक टन प्राण वायु (ऑक्सीजन) बनती हैं जो अन्य किसी भी उपाय से संभव नहीं हैं।

देसी गाय के घी को रसायन कहा गया हैं। जो  बुढ़ापे को दूर रखता हैं।गाय के घी में स्वर्ण छार पाए जाते हैं जिसमें अद्भुत औषधीय गुण होते हैं, जो कि गाय के घी के अलावा अन्य घी में नही मिलते। गाय के घी में वैक्सीन एसिड़, ब्यूट्रिक एसिड़, बीटा- कैरोटीन जैसे माइक्रोन्यूट्री मौजूद होते हैं। जिस के सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता हैं। गाय के घी से उत्पन्न शरीर के माइक्रोन्यूट्री में कैंसर युक्त तत्वों से लड़ने की क्षमता होती हैं। यदि आप गाय के 10 ग्राम घी से हवन अनुष्ठान (यज्ञ) करते हैं तो इसके परिणाम स्वरूप वातावरण में लगभग 1 टन ताजा ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकते हैं। यही कारण हैं कि मंदिरों में गाय के घी का दीपक जलाने कि तथा, धार्मिक समारोह में यज्ञ करने कि प्रथा प्रचलित हैं। इससे वातावरण में फैले परमाणु विकिरणों को हटाने की अद्भुत क्षमता होती हैं।

  • गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती हैं, ये दुनिया की सारी दवाइयों से तेज असर दिखाता हैं।
  • गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना आपरेशन के ठीक हो जाता हैं।
  • नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती हैं और दिमाग तरों ताजा हो जाता हैं।
  • गाय का घी नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती हैं, याददाश्त तेज होती हैं।
  • गर्भवती माँ को गौ माँ का घी अवश्य खाना चाहिए, इससे गर्भ में पल रहा शिशु बलवान, पुष्ट और बुद्धिमान होता हैं।
  • दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होती हैं।
  • जिस व्यक्ति को बहुत हार्ट ब्लाकेज की तकलीफ हैं और चिकनाई खाने की मना किया गया हो, तो गाय का घी खाएं, हार्ट ब्लाकेज दूर होता हैं।
  • देशी घी के प्रयोग से नाक से पानी बहना, नाक की हड्डी बढ़ना तथा खर्राटे बूंद हो जाते हैं
  • सर्दी जुकाम होने पर गाय का घी थोड़ा गर्म कर 2-2 बूँद दोनों नाम में डाल कर सोयें।
  • अच्छी नींद के लिए, माइग्रेन और खर्राटे से निजात पाने के लिए भी उपरोक्त विधि अपनाएँ।
  • गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता हैं।
  • गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती हैं।
  • गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता हैं।
  • 20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता हैं।
  • गाय का घी नामक में डालने से कान का पर्दा बिना ऑपरेशन के ही ठीक हो जाता हैं।
  • नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती हैं और दिमाग तारो ताजा हो जाता हैं।
  • गाय का घी नाक में डालने से बाल झड़ना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते हैं।
  • हाथ पाव में जलन होने पर गाय के घी को तलवों में मालिश करें जलन ठीक होता हैं।
  • हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।
  • गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती हैं।
  • गाय के पुराने घी बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती हैं।
  • अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
  • हथेली और पांव के तलवों में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।
  • गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता हैं और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता हैं।
  • जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही हैं तो गाय का घी खाएं, हृदय मजबूत होता हैं।
  • देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती हैं। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता हैं।
  • फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता हैं। गाय के घी की छाती पर मालिश करने से बच्चों के बलगम को बाहर निकालने में सहायक होता हैं।
  • सांप के काटने पर 100-150 ग्राम घी पिलायें ऊपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उल्टी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जायेगा।
  • दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता हैं। सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरो के तलवे पर मालिश करें, सर दर्द ठीक हो जाएगा।
  • यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता हैं। वजन भी नही बढ़ता, बल्कि वजन को संतुलित करता हैं। यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता हैं, मोटे व्यक्ति का मोटापा कम होता हैं।
  • एक चम्मच गाय का शुद्ध घी में एक चम्मच बुरा और 4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती हैं।
  • गाय के घी को ठंडे जल में फेट ले और फिर घी को पानी से अलग कर लें यह प्रक्रिया लगभग सौ बात करें और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता हैं जिसे जिसे त्वचा संबंधी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक मरहम कि तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सौराइशिस के लिए भी कारगर हैं।
  • गाय का घी एक अच्छा (LDC) केलेस्ट्रॉल हैं। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी हैं। अगर आप गाय के घी की कुछ बूँदे दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को संतुलित करता हैं।

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